हनुमान चालीसा - 03

VMission Podcast - Een podcast door Vedanta Mission

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हनुमान चालीसा के पहले दोहे पर आगे चर्चा करते हुए पूज्य स्वामीजी ने बताया की हमारे मन की मलिनता हमारे अभिमान, राग और द्वेष आदि होते हैं, जो की अपने श्रद्धेय एवं आदरणीय ज्ञानदाता के स्मरण मात्र से दूर हो जाते हैं। ऐसे धन्य और निर्मल मन से अब हम रघुवीर के विमल यश का वर्णन करना प्रारम्भ करते हैं, जिसके फल स्वरुप हमारे जीवन के समस्त लक्ष्य - धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की सिद्धि हो जाती है।